मनुष्य अपनी समाप्ति की ओर
एक कल्पना कीजिए। सुबह आँख खुले और आपके घरों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा हो, आपके घरों के साथ-साथ आपको भी जलाया जा रहा हो, मारा जा रहा हो। ना आपके रहने की कोई दूसरी व्यवस्था की गई हो ना ही आपके मूल्यवान जीवन के बारे में ही सोचा गया हो। बहुत अमानवीय होगा ना…